ऐ प्यार मेरे, चल आज तेरा,
मैं ख़ुद यू कुछ श्रृंगार करू;
सौ जन्म भी कम पड़ जाए मुझे,
इतना मैं तुझसे प्यार करू;
रेशम की तरह है केस तेरे,
चेहरा है तेरा जैसे दर्पण;
तू अपनी महकी साँसों से,
महका दे मेरा ये तन मन;
नैनो में तेरे वो मस्ती है,
जिसे खोज रहा मेरा कण कण;
झलक तेरी एक पाने को,
मैं हार जाऊं अपनी धड़कन;
लहरा के मैं झूम गया,
उड़ चला बन मदमस्त पवन;
धरती का संग पाने को,
जैसे बढ़ता जाए गगन;
रूप के आगे तेरे ये,
चन्दा सूरज तारे क्या;
देख चुका हूँ जब तुझको,
तब बाकी बचे नजारे क्या;
शीतल हवा के झोंके सा,
ये स्पर्श तेरा सुहाना है;
कुछ और नही ख्वाहिश मेरी,
बस तेरा हो जाना है,
बस तुझको ही पाना है..............
..............बस तुझको ही पाना है
Thursday, April 10, 2008
बस तुझको ही पाना है
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