Thursday, April 10, 2008

ऐश तेरा सौंदर्य


ऐश तेरा सौंदर्य,
हमे एहसास दिलाता है;
की इश्वर पृथ्वी पर कुछ ही सही,
परियां भी बनता है;
तुझे उसने मिटटी से नही,
केसर से बनाया होगा;
फिर आंखों में पत्थर की जगह,
तारों को लगाया होगा;
तेरे आगे हर आकर्षण,
तुच्छ हो जाता है;
ऐश तेरा सौंदर्य,
हमे एहसास दिलाता है;
जुल्फों को तेरी घटाओं के,
दस्ते से सजाया होगा;
लबों को तेरे सूरज की,
लाली से भिगाया होगा;
सुबह को, तेरे चेहरे की,
सुनहरी मुस्कान, और संध्या को,
तेरे नैनो का दमकता काजल भी बनाया होगा;
तेरे बखान में हर शब्द,
फीका पड़ जाता है;
ऐश तेरा सौंदर्य,
हमे एहसास दिलाता है;
ऐश तेरा सौंदर्य,
हमे एहसास दिलाता है;

3 comments:

jaya said...

deewana hai aish ka

J said...

तुझे उसने मिटटी से नही,
केसर से बनाया होगा;
फिर आंखों में पत्थर की जगह,
तारों को लगाया होगा;

तेरे बखान में हर शब्द,
फीका पड़ जाता है;

ultimate!!! seems like u r 2 much admired! anyways defining someones beauty in few words is not an easy task! but u did it and these lines shows it!

J said...

ise padhkar mujhe ek gaana yaad aa raha hai

"Tujhe dekhkar jag wale par, yakin nahi kyon kar hoga?
Jiski rachna itni sundar, woh kitna sundar hoga!"