
ऐश तेरा सौंदर्य,
हमे एहसास दिलाता है;
की इश्वर पृथ्वी पर कुछ ही सही,
परियां भी बनता है;
तुझे उसने मिटटी से नही,
केसर से बनाया होगा;
फिर आंखों में पत्थर की जगह,
तारों को लगाया होगा;
तेरे आगे हर आकर्षण,
तुच्छ हो जाता है;
ऐश तेरा सौंदर्य,
हमे एहसास दिलाता है;
जुल्फों को तेरी घटाओं के,
दस्ते से सजाया होगा;
लबों को तेरे सूरज की,
लाली से भिगाया होगा;
सुबह को, तेरे चेहरे की,
सुनहरी मुस्कान, और संध्या को,

तेरे नैनो का दमकता काजल भी बनाया होगा;
तेरे बखान में हर शब्द,
फीका पड़ जाता है;
ऐश तेरा सौंदर्य,
हमे एहसास दिलाता है;
ऐश तेरा सौंदर्य,
हमे एहसास दिलाता है;
3 comments:
deewana hai aish ka
तुझे उसने मिटटी से नही,
केसर से बनाया होगा;
फिर आंखों में पत्थर की जगह,
तारों को लगाया होगा;
तेरे बखान में हर शब्द,
फीका पड़ जाता है;
ultimate!!! seems like u r 2 much admired! anyways defining someones beauty in few words is not an easy task! but u did it and these lines shows it!
ise padhkar mujhe ek gaana yaad aa raha hai
"Tujhe dekhkar jag wale par, yakin nahi kyon kar hoga?
Jiski rachna itni sundar, woh kitna sundar hoga!"
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